My Loneliness | मेरी तनहाईयाॅं
My Loneliness | मेरी तनहाईयाॅं
हर एक की जिंदगी में वो दौर जरूर आता हैं, जब "तनहाईयाॅं" ही जिंदगी बन जाती हैं |
दुनियाने जब ठुकराया था |
तनहाईयोंने अपनाया था |
छोडना चाहा था इनका साथ |
कंबखत दूनियाने कुछ और ही चाहा था |
तनहाईयों के बीच कुछ इस कदर खडा था |
इन्हें ही अपना समझने लगा था |
आखिर क्यू ना समझता ?
साथ सिर्फ इनका ही तो पाया था |
गीर रहा था, संभल रहा था |
इंन्ही की बदौलत जी रहा था |
हर नया दिन ढल रहा था |
जीते जीते मैं मर रहा था |
फिर एक दिन बहार आयी |
किसिने जिनेकी उम्मीद जगायी |
तब तनहाई खुद ही चली गयी |
देखकर ये, दुनिया भी मुस्कुराई |
जिंदगी अब ऐसे मोडपर आयी |
भुल गया मैं पुरानी तनहाई |
उम्मीदें बनी हैं हमसफर |
जिंदगी का ये अनोखा सफर |
- सचिन काळोजी.
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Very nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteThank you Pradnya
DeleteVery nice
ReplyDeleteThanks a lot !
DeleteVery nice!!
ReplyDeleteVery nice
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